निकला करता था कभी, आसमां को झुकाने ईक दिन, कभी अपने ठोकरों में,जमाने को रक निकला करता था कभी, आसमां को झुकाने ईक दिन, कभी अपने ठोकरों में,जम...
घर में गम के ठिकाने होने लगे। घर में गम के ठिकाने होने लगे।
हरफे खफ़ा, हर दफ़ा तुझ पर निशार हो गई। हरफे खफ़ा, हर दफ़ा तुझ पर निशार हो गई।
सूनापन है तन्हाई है फ़िर याद तुम्हारी आई है। सूनापन है तन्हाई है फ़िर याद तुम्हारी आई है।
कैसे जिये जिंदगी आप ही बताओ हमें, सपनों के सौदागर ने यह कैसा दिया जहर। कैसे जिये जिंदगी आप ही बताओ हमें, सपनों के सौदागर ने यह कैसा दिया जहर।
हर रात लाती है दिन मत बैठ यूँ तू बेमन ज़िंदगी की हसरतें, होंगी भी तेरी पूरी मत सोच ग़र तन्हा है... हर रात लाती है दिन मत बैठ यूँ तू बेमन ज़िंदगी की हसरतें, होंगी भी तेरी पूरी ...